अरब-आक्रमणकारी

अरब-आक्रमणकारी अपने साथ धनिया, जीरा और कॉफी लेकर आए थे। धनिया और जीरा को भारतीय मिर्च और हल्दी में मिलाकर करी बनाने का सिलसिला शुरू हुआ। पारसियों के भारत में आने के बाद यहाँ बिरियानी का चलन शुरू हुआ। मुगलों के आने के बाद सूखे मेवों का प्रचलन बढ़ा और नये तरह के मांसाहारी और शाकाहारी व्यञ्जन बनने लगे। आज जो टमाटर, मिर्च और आलू भारतीय पाक शैली के मुख्य खाद्य-पदार्थ हैं, वे पुर्तगालियों के माध्यम से भारत पहुंचे थे। पुर्तगालियों ने भारत में शक्कर का चलन भी शुरू किया, जिससे पहले मीठे में केवल फलों और शहद का प्रयोग होता था। अफगानिस्तान से हिंदू-शरणार्थी अपने साथ तंदूर लेकर लाए, जिससे नये व्यञ्जनों की नयी श्रृंखला विकसित हुई। ब्रिटिश लोगों ने भारतीयों में चाय पीने की आदत डाली और चाय उगाने के लिए आदर्श जलवायु होने के कारण भारत तेजी से विश्व में चायप्रेमियों की श्रेणी में शामिल हो गयाब्रिटिश लोगों ने भारतीयों के खाने के ढंग को भी बदलने का प्रयास किया और पहली बार भारत में भोजन के लिए कांटे-छुरी चाकू का इस्तेमाल शुरू हुआ। रसोई में बैठकर खाने की जगह डायनिंग टेबल पर खाने की परम्परा विकसित हुई।