बाजरे का मूल

बाजरे का मूल स्थान अफ्रीका को माना जाता है परन्तु भारतीय उपमहाद्वीप में प्रागैतिहासिक काल से यह खाद्यान्न के रूप में उपयोग में रहा है। यह राजस्थान का मुख्य खाद्यान्न है, भोजन में इसका सेवन बलवर्धक एवं पुष्टिकारक माना गया है। इसकी उपयोगिता के सम्बन्ध में एक लोकोक्ति बड़ी प्रसिद्ध है, दृश्बलिहारी तू बाजरा तेरे लम्बे पान, घोड़े के पर लग गये, बूढ़े भए जवान'। राबड़ी राजस्थान का प्रमुख पेय खाद्यान्न है जो लोकप्रिय होने के साथ सुलभ एवं सस्ता भी है। ये पेय खाद्यान्न प. राजस्थान के क्षेत्रों (जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चुरू, सीकर नागौर) के लिए जहां ग्रीष्मकालीन तापमान 50 डिग्री तक पहुँच जाता है, वहां ये पेय खाद्यान्न अमृत तुल्य है। शीत ऋतू में इस पेय खाद्यान्न को गरम-गरम उपभोग मे लिया जाता है। ग्रीष्म ऋतू में ठण्डी राबड़ी में छाछ या दही में जीरा, पोदीना मिला कर लू से बचा जा सकता है। राजस्थान में राबड़ी के विभिन्न प्रकार एवं बनाने की भी विभिन्नताएं है जो उसके स्वाद को बेहतरीन बना देती है। राबड़ी बनाने के लिए विशेष कौशल एवं दक्षता की आवश्यकता है। ग्राम रियांबड़ी (जिला नागौर) निवासी श्रीमती कान्ता देवी एवं श्रीमती भगवती देवी से प्राप्त जानकारी के अनुसार-राजस्थानी राबड़ी के विभिन्न प्रकार-