IAS अधिकारी राहुल पुरवार होंगे झारखंड के नए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

आईएएस अधिकारी राहुल पुरवार (Rahul Purwar) झारखंड के नये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (New Chief Electoral Officer) होंगे. राज्य सरकार ने भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) को राहुल पुरवार सहित तीन अधिकारियों के नामों की अनुशंसा इस सिलसिले में की थी. जिसके बाद भारत निर्वाचन आयोग ने राहुल पुरवार के नाम पर स्वीकृति देते हुए राज्य सरकार को पत्र भेजा है. वर्तमान में विनय कुमार चौबे (Vinay Kumar Chaubey) राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी हैं. उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव बनाये जाने की संभावना है.


नेता प्रतिपक्ष रहते हुए हेमंत सोरेन ने किया था ये खुलासा


1999 बैच के आईएएस अधिकारी राहुल पुरवार फिलहाल पोस्टिंग के इंतजार में हैं. बीते 31 जनवरी को राज्य सरकार ने उनको ऊर्जा वितरण निगम के एमडी पद से हटा दिया था. इस पद पर वे 2015 से बने हुए थे. दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नेता प्रतिपक्ष के पद पर रहते हुए 25 जुलाई, 2019 को टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड से कमीशन मांगने का खुलासा किया था. उन्होंने इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की संलिप्तता का भी आरोप लगाया था. कंपनी के एक अधिकारी के शिकायती पत्र में जिक्र था कि राहुल पुरवार अपने एक रिश्तेदार सुमित कुमार पुरवार के मार्फत वसूली करते हैं. तत्कालीन विधायक अरूप चटर्जी ने यह मामला झारखंड विधानसभा में भी उठाया था.


जांच में पुरवार पर लगे आरोप सत्य पाये गये थे 


 

7 जून, 2019 को टाटा प्रोजेक्ट लिमिटिड के एक अधिकारी अविनाश कुमार ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को एक औपचारिक शिकायत मेल के जरिए भेजी थी. शिकायत में उन्होंने कहा था कि निगम का एक काम करने के एवज में 42 करोड़ रुपये का भुगतान करने की फाइल प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार के पास लंबित है. वे ढाई प्रतिशत कमीशन चाहते हैं और उनका कहना है कि इसमें मुख्यमंत्री तक की हिस्सेदारी है. मुख्य सचिव ने इस शिकायत को जांच के लिए तत्कालीन ऊर्जा सचिव वंदना दादेल को भेज दिया था. वंदना दादेल ने जांच में आरोप को सत्य पाया था.


सरयू राय ने की कार्रवाई की मांग 


विधायक सरयू राय ने हाल में कहा था कि इस मामले को उजागर करने वाले हेमंत सोरेन अब झारखंड के मुख्यमंत्री हैं. उनके द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री पर लगाया गया आरोप जांच में साबित हो गया है. राहुल पुरवार अभी भी ऊर्जा वितरण निगम के प्रबंध निदेशक हैं. मुख्यमंत्री से अपेक्षा है कि वे इस पर कार्रवाई करेंगे और इसके आलोक में ऊर्जा विभाग के अन्य घोटालों की जांच के लिए विशेष कमेटी बनाएंगे. दूसरे दिन 31 जनवरी को पुरवार को एमडी पद से हटा दिया गया.