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इस अध्ययन में शामिल एक अन्य एक अन्य शोधकर्ता, सेंटर फॉर सांइस एंड इनवायरमेंट की महानिदेशक सुनिता नारायण ने इंडिया सांइस वायर को बताया कि "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पौधों पर आधारित प्रोटिन और माँस के संयमित उपभोग पर आधारित हमारा पारंपरिक भोजन प्रोत्साहित करना होगा। भारत मे दलहन आधारित प्रोटीन स्त्रोतों की उपलब्धता, संरक्षण, प्रसंस्करण, आपूर्ति तथा खपत में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिये, भारतीय पारंपरिक भोजन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आहार के रूप में उभरा है।"


प्राचिन काल में तीन प्रकार के आहार बताये गये हैं।